Monday, April 11, 2016

जल दिवस छ आज.....22.3.2016



बिना पाणी का मनखि,
ज्युंदा नि रै सकदा,
विकाराळ जब बणि जांदु,
बेमौत छन मरदा.....


पाणी प्रदूषित छ होणु,
एक दिन दुर्लभ ह्रवै जालु,
बूंद बूंद बचौण कू बग्त,
झटपट हि ऐ जालु......


चेति जावा दिन दूर निछ,
बूंद बूंद जल बचावा,
जल संकट की त्रास्दि कू,
संरक्षण करिक ऊपाय बतावा....


पाणी आज बिकणु छ,
देखा बाजार बणिगी,
जल माफिया कू बल,
पाणी फर कब्जा ह्रवेगि....


जल बिन जीवन संभव निछ,
येका खातिर युद्व भी होला,
कल्पना निछ सच्चाई छ,
आंखा कंदूड़ तुम खोला....


संकल्प लेवा मन सी,
पाणी बेकार नि बगौणु,
बिंगणा निछन मनखि आज,
पणी दिन दिन दुर्लभ होणु....


जल दिवस छ आज,
चिंता मग्न कवि जिज्ञासू,
धौळी हमारी सूखणी छन,
हिमालय का औण आंसू......


-जगमोहन सिंह जयाड़ा जिज्ञासू,
मेरा कविमन कू कबलाट पाणी फर,
दिनांक 22.3.2016

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