Sunday, November 18, 2012

"हे लठ्याळि"

मैकु दी दी तू,
एक दबाल दिल सी,
माया की मुट्ट बटिक,
मन तैं खुश करिक,
माया अपणि,
हौर कुछ नि चैंदु,
मैकु त्वैसी,
जिंदगी भर कू,
सदा तेरु साथ रौ,
जब तक या जिंदगी,
चल्दि रलि धरी मा,
प्यारा उत्तराखण्ड की,
"हे लठ्याळि".....
-जगमोहन सिंह जयाड़ा "जिज्ञासु"
सर्वाधिकार सुरक्षित एवं प्रकाशित

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