Friday, April 5, 2013

"चलो, तुम्हें अपनी कलम से"


बिना देखे पहाड़ दिखाता हूँ,
उत्तराखंड के टिहरी जनपद,
देवप्रयाग विकास खंड में,
2756 मीटर की ऊँचाई पर,
चन्द्रबदनी एक सिद्धपीठ,
जहाँ आते हैं भक्त,
माँ भगवती के दर्शन के लिए,
जहाँ से दिखता है,
खूबसूरत उत्तराखंड हिमालय,
नई टिहरी, नई पौड़ी, खिर्शु,
दशरथांचल पर्वत,
उत्तर में खैंट पर्वत,
जहाँ अहसास होता है,
जैसे खड़ा हूँ खिले,
कमल के फूल के बीच में....


चन्द्रबदनी मंदिर में,
पहले भैंसे और बकरे की,
बलि देते थे लोग,
स्व स्वामी मन्मथन जी,
और स्थानीय जनता के,
भागीरथी प्रयास से,
1969 में ये प्रथा बंद हो गई,
सदा सदा के लिए....


देवी दर्शन के लिए,
चैत्र मास की अष्टमी को,
अगर आप चन्द्रबदनी जायेंगे,
खिले हुए लाल सुर्ख,
मनमोहक बुरांश के फूल,
आपका मन हर्षायेंगे,
मनोकामना भी पूर्ण होगी,
चन्द्रबदनी एक सिद्ध पीठ है....

-जगमोहन सिंह जयाड़ा "जिज्ञासु"
रचना सर्वाधिकार सुरक्षित, प्रकाशित,
दिनांक: 5.4.2013



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