Wednesday, January 25, 2012

"प्यारा पहाड़ मा"

अस्पताळ मा डाक्टर,
स्कूल मा बल मास्टर,
निछन-निछन,
कनुकै होलु ईलाज,
कनुकै पढला नौना-नौनी,
कनुकै होलु?
उत्तराखंड कू विकास,
ज्व छ, सबका मन की आस,
करा हे! आप सब्बि विचार,
ये काम का खातिर चैन्दी,
साफ सुथरी सरकार,
पर्वतजन तुम जागा,
अपणा विकास की खोज मा,
भौं कखि न भागा,
रुका-रुका-रुका,
पहाड़ मा....
कवि: जगमोहन सिंह जयाड़ा "जिज्ञासु"
(सर्वाधिकार सुरक्षित एवं प्रकाशित)
दिनांक: २५.१.२०१२
www.pahariforum.net

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