Monday, February 25, 2013

"भेळ मा भूत"

भेळ मा भूत खड़ु थौ भारी,

आग कू एक भड़कट्ट जग्युं थौ,

रात मा वैन किल्क्वार मारी,

डौर सी मेरा बुरा हाल ह्वेन,

दूर कखि स्याळ भी रवैन,

बात छ या मेरा बचपन की,

लंगट्यार लगैक हम छोरा छारा,

जाण लग्यां था,

जामणिखाळ का थौळ बिटि,

अपणा गौं बागी-नौसा,

-जगमोहन सिंह जयाड़ा "जिज्ञासु"

सर्वाधिकार सुरक्षति एवं ब्लॉग पर प्रकाशित

25.2.13 10.00 बजे रात्रि

 
 

 

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