Tuesday, February 26, 2013

"क्या छैं तू कन्नि"


मेरा बेटा,
माँ पूछणि छ,
नौनु बोंनु
फेसबुक छौं पढ़णु,
माँ मैं ध्यान सी,
किलैकि अब हमारा,
बोर्ड का पेपर नजिक छन,
ब्यालि मैन,
फेसबुक खरीदण कू,
पैंसा नि मांगी था त्वैमु....

पढ़ पढ़ मेरा लाटा,
मैं त्वैकु,
क्वी कमि नि होण द्योलु,
पढण लिखण का खातिर....

फेसबुक का  दिवाना,
होयां छन छोरा छारा,
हमारा पाड़ मा,
घल्कैक भी,
बाच नि गाड़दा,
माँ बाप बोन्ना छन,
क्या ह्वै होलु,
कखि बाक्की मू जावा....

-जगमोहन सिंह जयाड़ा "जिज्ञासु"
सर्वाधिकार सुरक्षित एवं ब्लॉग पर प्रकाशित
26.2.2013

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