Monday, December 16, 2019

"गैरसैण..गैरसैण"



 
बैरा नि छौं सुण्यालि,
दीक्षित साबन देखा,
कनु बुरु करयालि,
आँख्यौं मा.. ऊंका भी,
लोण मर्च धोळ्यालि,
गैरसैण कतै ना,
यनु भी देखा..बोल्यालि.

चर्चा होंणि धार खाळ,
मन मा औणा छन ऊमाळ,
उत्तराखंड की राजधानी,
गैरसैण..गैरसैण...
छबीला गढ़वाल अर्,
रंगीला कुमाऊँ मा,
यनु बोन्ना छन लोग,
उत्तराखंड की राजधानी,
गैरसैण..गैरसैण...

Copyright@Jagmohan Singh Jayara"Zigyansu"......4.9.09
E-Mail: j_jayara@yahoo.com, (M)9868795187

No comments:

Post a Comment

मलेेथा की कूल