Thursday, June 11, 2015

बेटी......

जा बेटी अपणा सैसर जा,
आस छ मेरी जुगराजि रै,
सास ससुर की सेवा करि,
फर्ज अपणु खूब निभै......
-कवि जगमोहन सिंह जयाड़ा जिज्ञासु एक किरदार में
दिनांक: 31.3.2015

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