Friday, October 28, 2016

हे पतियौं.....



बधै हो करवा चौथ की,
आज बण्यां तुम बैख,
पूजा होलि आज तुमारी,
भलि भलि चीज खलैक....

आज कू दिन भलु छ ऊं तैं,
जू साल भर कचग हि खान्दा,
धर्मपत्नी की डौर कू,
बिराळा सी बणि जान्दा....

हमारा मुल्क कू शेर सिंह,
तौं बिराळौं तै बतौणु,
हे सतैयां पिथैयां दगड़यौं,
आज मान तुमारु होणु.....

उत्तराखण्डी समाज मा,
यू रिवाज कखन आई,
अपणा त्यौहार त्यागिक,
यू त्यौहार किलै अपनाई.....

कवि 'जिज्ञासु' घंघतोळ मा,
यू करवा चौथ कखन आई,
प्रिय धर्म पत्नि जिन आज तक,
यू त्यौहार नि मानाई....

-जगमोहन सिंह जयाड़ा जिज्ञासू
दिनांक 19.10.2016
रचना संख्या.1027

No comments:

Post a Comment

मलेेथा की कूल