Friday, October 28, 2016

कुयेड़ी की चादरी ओढ़ि.....




 
मैकु प्यारा-प्यारा लग्दा,
 
मन मा मेरा प्यार जग्दु,
 
देख्दु छौं जब-जब,
 
अपणु प्यारू पहाड़,
 
लुकि जान्दा कुयेड़ा मा,
 
घर, जंगळ अर झाड़,
 
मैकु प्यारा-प्यारा लग्दा,
 
कुयेड़ी की चादरी ओढ्याँ,
 
अपणा प्यारा  पहाड़.....
 
 
द्योरू गिगड़ान्दु घड़-घड़,
 
बिजली चम्कदि चम् चम्,
 
बरखा ह्वै पहाड़ फर,
 
भिगिग्यन  मनखी सब्बि,
 
घर, जंगळ अर झाड़,
 
मैकु प्यारा-प्यारा लग्दा,
 
कुयेड़ी की चादरी ओढ्याँ,
 
अपणा प्यारा  पहाड़.....
 
 
बरखा ल्ह्यौन्दि दगड़ा अपणा,
 
स्या पापी कुयेड़ी,
 
जैंका पिछनै छिपि जाँदा,
 
हमारा प्यारा गौं,
 
ठँड लग्दि हात खुट्यौं मा,
 
झुम्दा छन डाळा बुटळा,
 
जंगळ अर झाड़,
 
कुयेड़ी की चादरी ओढ्याँ,
 
अपणा प्यारा  पहाड़.....
23/5/12

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