Friday, October 28, 2016

निर्भाग....



रै होलु हमारु,
अर पोटग्यौं फर आग,
मन रै बोन्नु जा तू,
परदेश फुंड भाग,
अयौं हम सब्बि,
अब गौं फुंड राज कन्ना,
बांदर, सुंगर अर बाग,
पाड़ भी डरौणु,
बण्युं छ बिकराळ,
रगड़ा भगड़ि होणि,
हर साल बसगाळ,
घर गौं हमारा कन्ना छन,
हमारी जग्वाळ,
बंजेणा छन हमारा,
खेत खल्याण अर गौं,
कुमौं अर गढ़वाळ,
स्वर्ग सी सुंदर छ,
मुल्क हमारु,
जू कन्नु छ हमार जाग,
जै नि सकणा छौं अब,
यू छ हमारु निर्भाग.......
दिनांक 25.7.2016

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