Wednesday, February 24, 2016

“बांदरु कू होंणु वास ”

“बांदरु कू होंणु वास ”
उत्तराखंड का बजेंदा गौं मा,
बल बांदरू कू ह्वैगि राज,
धुर्पळौं मा धमध्याणा छन,
कन्यौण लग्यां छन  खाज.
सैल सगोड़ी लगुलि मुग्लि,
कन्न लग्यां सफाचटट,
डाळयौं मा फाळी मान्न लग्यां छन,
यथैं वथैं फटा-फट्ट.
यनु बतौन्दा बांदर छन बल,
हनुमान जी की फौज,
देवभूमि उत्तराखंड मा,
मनौण लग्यां छन मौज.
मूल निवासी उत्तराखंड का,
जाणा छन प्रवास,
खंडवार होन्दि कूड़ी पुंगड़यौं मा,
बांदरू कू होंणु वास.     
रचनाकार:
जगमोहन सिंह जयाड़ा, जिग्यांसु
२1.१२.२००८ 

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