Wednesday, February 24, 2016

“नेता जी”

“नेता जी”
नेता जी बहुत बूढे थे,
उम्र थी अस्सी साल,
सत्ता का सुख भोग रहे,
चेहरा अब तक लाल.
चुनाव आते वादे करते,
कर दूँगा मैं पूर्ण विकास,
लोक लुभावन भाषण सुनकर,
जनता करती उनको पास.
अस्सी बसंत देख चुके,
नेता जी की मौज,
हर वक़त उनको घेरे रहती,
प्रिय चमचों की फौज.
यमलोक में एक दिन,
कह रहे थे यमराज,
बूढा नेता कौन है,
मुझे बताओ आज.
यमदूतों ने यमराज को,
डरते हुए बताया,
लेने गए थे नेता जी को,
पर कुछ समझ नहीं आया.
नेता जी की पत्नी हैं,
सच्ची धार्मिक पतिवर्ता नारी,
कैसे लायें नेता जी को,
हिम्मत न हुई हमारी.
भैंसे पर बैठ गरजे यमराज,
तुंरत आए नरलोक,
नेता खेल अब खत्म तुम्हारा,
चलो तुंरत यमलोक.
नेता जी बेबस थे,
आखों में आए आंसू,
चमचे रोये जोर से,
खुश हुआ “जिग्यांसु”    
  
रचनाकार:
जगमोहन सिंह जयाड़ा, जिग्यांसु
२१.१२.२००८ 

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