Tuesday, February 23, 2016

ऐनान पूछि....

ऐनान पूछि....

मैं त वनि छौं,
तेरी अन्वार बदल्दु जाणी,
झट्ट देखि मुखड़ि ऐना फर,
यूं आंख्यौं मा आई पाणी.....


ज्वानि का दिन था जबरि,
ऐना रंदु थौ हात मा,
काळी लटुल्यौं हेरि हेरिक,
खुश होंदु थौं मन भारी,
अब क्या बतौण,
देखण कू मन नि करदु,
लटुलि फूलिग्यन,
होयिं छ लाचारी......


हम्न बोलि ऐना कू,
सच दिखौणु तेरु काम छ,
चेहरा बदलि जांदु मनखि कू,
जीवन पथ फर हिटणा छौं,
रखवाळु प्रभु राम छ,
द्वी दिन की होन्दि जिंदगी,
यीं धरती मा हमारु,
सदानि क्या काम छ.....

दिनांक 10.2.2016

 

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