Wednesday, February 24, 2016

“बीमार बौडा”

बौडा बीमार ह्वैक दिल्ली अयुं छ.
अपणी बुढ्ड़ी का दगड़ा फ़ोन फर बात कन् कू वैकु अंदाज.  यू ही सांस्कृतिक अंदाज छ बात कन् कू हमारा उत्तराखण्ड का दाना मन्ख्यों कू.  अगली पीड़ी उत्तराखंडी कम हि इंग्लिश मां ही बात कल्लि. 
“बीमार बौडा”
हलो मैलि,  हलो मैलि, कखैं मैलि तू जयीं,
अर् पता छ मैं पता, त्वैतैं काम प्यारू छ,
मैं फर निछ तेरु लोभ लान्लच,
ऐलि भैन्सु दूध देण छ लग्युं,
दुया द्वी छकि छक्किक दूध प्यान,
अर् भैन्सु बेचण मैलि,
नितर मैं यख बीटी बात कार्दौं,
ठीक छ, नि बेचण भैन्सु.
 
अब नि बच्दौं मैं, झंडा लगिगी मैं फर,
अब पक्की बात छ….
त्वै द्वी पैसो साग्वार निछ, अब देखि तू,
तेरी कनि दुर्गति होलि.
अर् वैकु बोलि, घोड़ा का खुटौं फर नाळी ठोके दे,
बाराती मां घोड़ा लीक जरूर जै,
नितर मैन गाळी खांणन….
लुकाँ, टक्क लगैक सुणिक,
यू संकलन छ दानी बात कू,
लिख्युं छ,
भुलौं मेरु अपणा हाथ कू,
एक दाना बुढया कू,
बात कन् कू अंदाज.

जगमोहन सिंह जयाड़ा, जिग्यांसू
ग्राम: बागी नौसा, पट्टी. चन्द्रबदनी,
टेहरी गढ़वाल-२४९१२२
11.2.2009  को रचित
दूरभाष: ९८६८७९५१८७

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